सड़क पर नारे
लगाते-लगाते
मंत्री बने उस नेता
ने
बाँध रखी है
अपनी आँखों पर
एक काली पट्टी
ताकि
वह देख नहीं सके
भूखा आदमी
नंगी औरत
और
मंत्रालय की चौखट
पर
एड़ियाँ रगड़ता
उसका अनुयायी
या फिर
कोई मतदाता।
जब से वह
कुर्सी पर बैठा है
उसका सारा बदन ऐंठा है
वह अपनी जनता को
जता रहा है नियम
अपनी कुर्सी के
मूँदकर अपनी आँखें
काले कपड़े के भीतर
-
‘‘मंत्री होना
एक न्यायदान
की प्रक्रिया है
और
कानून अंधा होता
है।’’
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