किरण वाडीवकर
कवी,लेखक,पत्रकार
Wednesday, January 29, 2014
दलाली
वह आयी थी बेचने बर्तन
गोद में रिरियाता बच्चा लेकर
मैंने बर्तनों के भाव पूछे
वह खुद के बोल बैठी
और...
मेरे देश की राजनीति
वेश्या के कोठे पर
दलाली कर बैठी।
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