किरण वाडीवकर
कवी,लेखक,पत्रकार
Wednesday, January 1, 2014
एक तारा
क्षितिज के पार
फैली अपार
नीली स्याह छाया में
चमका एक
स्वप्न तुम्हारा
प्रेम का अर्थ बताता।
एक तारा
प्रहरी-सा
गिर पड़ा
स्वप्न अपने
ध्वस्त करता।
1 comment:
Anonymous
January 8, 2014 at 9:54 PM
This one is d best .
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This one is d best .
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