पता नहीं क्यूँ लोग
कुछ पाने के लिए
सबकुछ खो देते हैं
अपना अस्तित्व-अहम्
और अपने विचार।
जब भी मैं
किसी चेहरे पर
चमक देखता हूँ
तो भूल जाता हूँ कि
मेरे पास भी एक
चेहरा है।
वह सलोना न सही
लेकिन है तो चेहरा
ही।
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